विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों, दो कुलों और दो आत्माओं का आध्यात्मिक संयोग होता है। हिन्दू धर्म में विवाह को एक संस्कार माना गया है — जो जीवन के 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है। यह न केवल सामाजिक रूप से स्वीकार्य बंधन है, बल्कि यह सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन भी है।
शुद्ध वैदिक विधियों और शास्त्रों में वर्णित मंत्रों के अनुसार संपन्न किया गया विवाह न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है। विवाह का प्रत्येक चरण — जैसे गणेश पूजन, कन्यादान, सप्तपदी, अग्निपथ — अपने भीतर गहराई और ऊर्जा लिए होता है।
Pandit Ji Astrologer के मार्गदर्शन में विवाह केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा बन जाती है।
🔹 कुंडली मिलान व विवाह योग निर्धारण:
वर-वधु की कुंडलियों का मिलान, गुण, दोष, और मंगल दोष की जांच कर विवाह की अनुकूलता का आकलन।
🔹 शुभ मुहूर्त और तिथि का निर्धारण:
आपके स्थान, समय और परिवार की सुविधा के अनुसार वैदिक पंचांग से शुभ तिथि का चयन।
🔹 मांगलिक दोष व अन्य दोष शांति पूजा:
यदि विवाह से पूर्व कोई ग्रहदोष, कालसर्प योग, या मांगलिक दोष हो तो उसके लिए विशेष शांति हवन।
🔹 विवाह के मुख्य अनुष्ठान:
गणेश पूजन, वरमाला, कन्यादान, सप्तपदी, अग्नि फेरे, सिंदूरदान, मंगलसूत्र आदि सभी रस्में विधिपूर्वक।
🔹 पूजा सामग्री की सुविधा:
आप चाहें तो हम संपूर्ण पूजा सामग्री की व्यवस्था भी करते हैं — जिससे आप तनावमुक्त रहें।
🔹 विवाह पूर्व पूजा:
गृहशांति, नवग्रह पूजन, मातृ पूजन, हल्दी समारोह आदि।